कमलेंद्र त्रिपाठी

माल,लखनऊ। मॉल विकास खंड में विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत दिव्यांगजनों को 44 ट्राईसाइकिलों का निःशुल्क वितरण किया गया। यह पहल स्थानीय प्रशासन द्वारा दिव्यांगजनों के जीवन स्तर में सुधार और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाया गया एक सराहनीय कदम है।
इस वितरण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मॉल विकास खंड की विभिन्न ग्राम पंचायतों में रहने वाले दिव्यांगजनों को आवागमन में सुविधा प्रदान करना था। ट्राईसाइकिलें दिव्यांगजनों के लिए एक महत्वपूर्ण साधन हैं जो उन्हें स्वतंत्र रूप से घूमने-फिरने और अपने दैनिक कार्यों को संपन्न करने में मदद करती हैं। इसके अलावा, यह पहल दिव्यांगजनों को व्यावसायिक गतिविधियों में भी संलग्न होने का अवसर देती है। कई दिव्यांगजन इन ट्राईसाइकिलों का उपयोग करके छोटे व्यवसाय शुरू कर सकते हैं, जिससे उनकी आय के स्रोत में वृद्धि हो सकती है।
इस महत्वपूर्ण पहल में सरकारी विभागों और स्थानीय प्रशासन का सक्रिय सहयोग देखने को मिला। ब्लॉक प्रमुख मॉल श्रीमती रामदेबी ने इस कार्यक्रम के आयोजन में नेतृत्व प्रदान किया। उनके दूरदर्शी नीति के कारण ही यह महत्वपूर्ण योजना धरातल पर उतर सकी। प्रमुख प्रतिनिधि रामकुमार राही ने कार्यक्रम के क्रियान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाई और दिव्यांगजनों के साथ सीधा संपर्क स्थापित किया। सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) सुनील कुमार सिंह ने पंचायत स्तर पर दिव्यांगजनों की पहचान करने और उन्हें इस योजना से जुड़ने में मदद की।
सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण पवन जोठियाव ने सामाजिक कल्याण के पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया और दिव्यांगजनों के लिए अन्य सहायक सेवाओं की जानकारी प्रदान की। ग्राम प्रधान अनवर अहमद ने अपने ग्राम स्तर पर दिव्यांगजनों के लिए जागरूकता अभियान चलाया और सूचीबद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा क्षेत्रीय सदस्यों और अन्य प्रशासनिक कर्मियों ने भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
कुल 44 ट्राईसाइकिलों का वितरण किया गया, जो मॉल विकास खंड की विभिन्न ग्राम पंचायतों में वितरित किए गए। यह संख्या इस क्षेत्र में दिव्यांग जनसंख्या की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करती है और भविष्य में और भी अधिक दिव्यांगजनों को इस योजना के तहत लाभान्वित किए जाने की संभावना को दर्शाती है।
इन ट्राईसाइकिलों के वितरण से सबसे पहले दिव्यांगजनों को आवागमन में काफी सुविधा मिलेगी। वे अब आसानी से अपने गांव में घूम सकते हैं, बाजार जा सकते हैं, और चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच सकते हैं। यह ट्राईसाइकिल दिव्यांगजनों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। वे इसका उपयोग करके छोटे व्यावसायिक कार्य कर सकते हैं, जैसे किराए पर सवारी सेवा देना, सामान ढुलाई आदि। इस पहल से दिव्यांगजनों का सामाजिक समावेशन बढ़ेगा और वे समाज के सभी क्षेत्रों में अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे।
कार्यक्रम में उपस्थित दिव्यांगजनों ने इस पहल की जोरदार सराहना की। उन्होंने प्रमुख प्रतिनिधि रामकुमार राही और सहायक विकास अधिकारी सुनील कुमार सिंह के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। कई दिव्यांगजनों ने कहा कि यह ट्राईसाइकिल उनके जीवन में एक नया अध्याय खोल देगी और उन्हें समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाएगी।
इस सफल कार्यक्रम को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन भविष्य में और भी अधिक दिव्यांगजनों को इस योजना के तहत लाभान्वित करने की योजना बना रहा है। साथ ही, कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से दिव्यांगजनों को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे इन ट्राईसाइकिलों का अधिकतम उपयोग कर सकें। मॉल विकास खंड में दिव्यांगजनों के लिए आयोजित यह कार्यक्रम न केवल एक सामाजिक पहल है, बल्कि यह समान समाज के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। इस तरह की पहलें दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाती हैं और उन्हें समाज का सम्मानित सदस्य बनाती हैं। आशा है कि आने वाले समय में ऐसी और भी अधिक योजनाएं लागू की जाएंगी, जिससे सभी दिव्यांगजनों का समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके।

