

गांव का रास्ता तब्दील हुआ नाले में प्रधान व सचिव की मिली भगत से स्वच्छ मिशन की उड़ाई जा रही धज्जियां
राकेश कुमार
माल, लखनऊ । स्वच्छ भारत मिशन को लेकर गांव की साफ सफाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए सरकार लाखों रुपए पानी की तरह खर्च कर रही है ताकि साफ सफाई व्यवस्था बनी रहे और बीमारी से मुक्ति दिलायी जा सके। वहीं केंद्र व राज्य सरकार लोगों को स्वच्छता का पाठ पढ़ा रही है। इन सबके बीच जिले की मौजूदा तस्वीर कुछ और ही बयां करती नजर आ रही है। जिले में ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता के मानकों को दरकिनार कर माल ब्लॉक के जि़म्मेदार अधिकारियों की मिली भगत से अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। आपको बता दे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विकासखंड माल ब्लॉक से सात किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत मड़वाना के मजरा सैदापुर का ताजा मामला सामने आया है तस्वीर देखकर चौकिए नहीं यहां की इस गांव की अधिकार सड़कें ऐसी की है। यह सड़क श्रीकांत के घर से रमेश गौतम के घर तक और विनोद कुमार के घर से प्रेम के घर तक सड़क पर पानी की नदिया बह रही है ऐसा लगता है की तालाब में पानी भरा है। जहा पर बीच सड़क पर गंदा पानी भरा है उसी में ग्रामीण कई महीनों से चल रहें है ग्रामीणों को निकलने का और कोई रास्ता नही है। जिससे तरह तरह की बीमारिया उत्पन्न हो रही है। ग्रामीण कीचड़ में गिरकर चोटिल भी हो रहे है। जिम्मेदारों ने साफ सफाई कराना उचित नहीं समझा ग्रामीणों ने बताया की इसकी शिकायत प्रधान और सचिव से की तो उन्होंने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया।
गांव की निवासी जयराम निशंक ने बताया की यह समस्या काफी दिनों से बनी हुई है हम सबको निकालने की बहुत दिक्कत होती रहती है एवं हमारे घर के बच्चे जब बाहर निकलते हैं तो कई बार गिर चुके हैं जिससे वह चोटिल भी हुए हैं। वही जब रमेश कुमार गौतम से बात की तो उन्होंने बताया की सचिव से कहना तो सब व्यर्थ ही रहा 6 महीनों से हम लोग यह समस्या झेलते हुए चले आ रहे हैं जिसका निदान आज तक नहीं हुआ है। ऐसे ही वहां पर उपस्थित दर्जनों महिलाओं व बच्चों व बुजुर्गों का आरोप है कि सचिव या कोई जिम्मेदार जनप्रतिनिधि यहां आज तक इस समस्या को देखने नहीं आया है। जब इन सभी आरोपों पर सही जानकारी के लिए सचिव आलोक कुमार सक्सेना से बात करना चाहा तो उन्होंने बात करना उचित नहीं समझा। इससे यह स्पष्ट हो रहा है की सचिव साहब,सीडीओ साहब,डीएम साहब के सख्त से सख्त आदेश इनके आगे मायने नहीं रखते है। अब देखना यह होगा कि ख़बर चलने के बाद माल ब्लॉक के ज़िम्मेदार अधिकारी लेंगे संज्ञान।