देश मे 25 दिसम्बर 2023 को बने नए कानून 1 जुलाई 2024 को देश भर में नए आपराधिक कानून प्रभावी रूप से होंगे लागू
राकेश कुमार
लखनऊ। नए आपराधिक कानून को लेकर कार्यशाला, कार्यशाला में डीजीपी प्रशांत कुमार एडीजी टेक्निकल नवीन अरोरा,डीजी पीआईपी के साथ अन्य अधिकारी मौजूद। देश मे 25 दिसम्बर 2023 को नए कानून बनाये गए। 1 जुलाई 2024 को देश भर में नए आपराधिक कानून प्रभावी रूप से लागू होंगे।
कानून लागू होने के बाद अदालत के निर्णय आने तक पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। भारत आपराधिक न्याय प्रणाली में तकनीकी का इस्तेमाल करने वाला देश बन जायेगा
नए आपराधिक कानून से तीन वर्ष के अंदर न्याय मिल सकेगा। नए आपराधिक कानून के प्रमुख बिंदु
तीन वर्ष के भीतर पीड़ित को मिल सकेगा न्याय। तारीख पर तारीख के चक्कर से मिलेगी आज़ादी। 35 धाराओं में समय सीमा की गई तय
इलेक्ट्रॉनिक तरीके से शिकायत दायर करने के 3 दिनों में दर्ज करनी होगी fir
यौन उत्पीड़न के मामले में 7 दिनों पूरी करनी होगी जांच। पहली सुनवाई 60 दिनों के भीतर आरोप तय करने का प्रावधान। भगोड़े अपराधियो की गैर मौजूदगी में 90 दिनों के भीतर केस होगा दर्ज। 45 दिनों के अंदर पूरी होगी आपराधिक मामलों की सुनवाई
छोटे मामलों में सामुदायिक दंड का प्रावधान विधि भारतीय दर्शन के अनुरूप। 5000 रु से कम की चोरी में सामुदायिक सेवा का प्रावधान छह अपराधो में सामुदायिक सेवा का प्रावधान। महिलाओं बच्चों के खिलाफ अपराधो से संबंधित 35 धाराएं जिनमे 13 नए प्रावधान शेष में संशोधन
सामूहिक बलात्कार 20 साल का कारागार या आजीवन सजा
नाबालिक के सामूहिक बलात्कार में होगी आजीवन सजा,या मौत की सजा
यौन सम्बंध के लिए झूठ बोलकर सम्बंध बनाना होगा अपराध
पीड़िता का बयान महिला अधिकारी की उपस्थिति में होगा। भोगोड़े अपराधी को 10 साल की होगी सजा। भगोड़े अपराधियो की सम्प्पति जब्त करने के लिए मिलकर कदम उठाए जाएंगे। भगोड़े अपराधी की गैर मौजूदगी में अदालत में चलेगा मुकदमा
भारत के साथ अन्य देशों में जप्त होगी अपराधी की संपत्ति अगले 50 सालों में हर संभव तकनीकी बदलाव होंगे
पुलिस कार्यवाई व अदालती कार्यवाई का होगा कम्प्यूटरराइजेशन। ई रेकॉर्ड जीरो fir ई fir चार्जशीट डिजिटल होगी। 7 साल या उससे अधिक सजा के मामलों में फोरेंसिक जांच अनिवार्य
जांच में होगा गवाही दर्ज करना अनिवार्य। पुलिस कार्यवाई की पूरी प्रक्रिया की होगी वीडियो ग्राफी
बलात्कार पीड़िता के ई बयान का होगा प्रावधान। अदालत में ऑडियो वीडियो पेश करने का प्रावधान गवाह अभियुक्त विशेषज्ञ पीड़ित अदालत में वर्चुवल पेश हो सकते है।राज्य व जिला दोनो जगहों पर अभियोजन निदेशक का प्रावधान। जिला स्तर पर अभियोजन निदेशक की तीन श्रेणियां होगी। अभियोजन निदेशक, अभियोजन उपनिदेशक, अभियोजन सहायक। सहायक निदेशक 7 वर्ष के कम सजा वाले मामलों में काम करेंगे
पूरे देश मे एक समान न्याय प्रणाली की व्यवस्था। अब चार प्रकार के न्यायिक अधिकारी होंगे द्वितीय श्रेणी मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट, सत्र न्यायाधीश, कार्यकारी मजिस्ट्रेट, बहस पूरी होने के 30 दिनों के अंदर होंगे फैसले। मॉब लिंचिंग के मामलों में होगी 7 वर्ष की सजा मॉब लिंचिंग में अगर कोई विकलांग हो जाता है तो आजीवन कारावास भी हो सकता है। संगठित अपराध पर होगा नया प्रावधान। अंतरराज्ययीय गिरोह पर अंकुश लगाना।आतंकवादी संपर्क वाले गिरोह पर अंकुश लगाना वित्तीय धोखेधड़ी, जालसाजी नकली मुद्रा नकली नोट सरकारी अपराधो को अपराध में चिन्हित किया जाएगा
अब पीड़ित कही भी fir दर्ज करा सकेगा।B संबंधित जगह से फ्री में fir कॉपी उपलब्ध कराई जाएगी। 90 दिनों के अंदर fir की प्रगति बताई जाएगी। 3 वर्ष से कम सजा वाला व 60 वर्ष से ऊपर उम्र वाले लोगो को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने से पहले लेनी होगी अनुमति। गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटो के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना होगा। बिर्टिश काल के राजद्रोह के कानून को किया गया समाप्त। राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर होगी सख्त सजा।आतंवादी कृत्यों के लिए आजीवन कारावास व मृत्युदंड की मिलेगी सजा। इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल साक्ष्य जब साक्ष्य के रूप में माने जाएंगे।कानूनी प्रक्रिया अब संविधान की 8वी अनुसूची में सूची बंद्ध सभी भाषाओं में प्रकाशित की जाएगी।छोटे और कम गंभीर मामलों के लिए समरी ट्रायल होगा। मजिस्ट्रेट 3 साल तक कि सजा के किये समरी ट्रायल कर सकते है। पहली बार अपराध करने वाले को एक तिहाई सजा पूरी करने पर मिल सकेगी जमानत। गवाहों की सुरक्षा के किये गवाह संरक्षण योजना होगी लागू।
Subscribe to Updates
Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.